मणिकंदन ने नवीन के किरदार को बखूबी निभाया। उनकी साधारणता ने किरदार को खास बना दिया

फिल्म में स्टैंडअलोन सीन्स और मजाकिया चुटकुले दर्शकों को हंसाते हैं

नवीन और वेनिला की इंटरकास्ट शादी के संघर्ष को हल्के-फुल्के अंदाज़ में पेश किया गया है

गुरु सोमसुंदरम और मणिकंदन के बीच की झड़पों ने कहानी को मजेदार बना दिया

फिल्म में हास्य दृश्यों की भरमार है, लेकिन भावनात्मक पक्ष कमजोर रह गया

मणिकंदन के बाथरूम के अंदर के दृश्यों ने शारीरिक हास्य का बेहतरीन उदाहरण दिया

फिल्म में पारिवारिक महत्वाकांक्षाओं और नवीन के संघर्ष को दिखाया गया है

फिल्म के किरदार और कहानी के बीच का भावनात्मक जुड़ाव दर्शकों को मिसिंग लगा

क्लाइमेक्स में घटनाएं जल्दीबाज़ी में समेटी गईं, जिससे कहानी अधूरी सी लगी

फिल्म में मध्यम वर्ग के आत्म-सम्मान और संघर्ष की गहरी झलक मिलती है