Hisaab Barabar' भारतीय रेलवे के टीटी राधे (R Madhavan) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो बैंकिंग घोटाले की परतें खोलता है

Hisaab Barabar' भारतीय रेलवे के टीटी राधे (R Madhavan) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो बैंकिंग घोटाले की परतें खोलता है

नील नितिन मुकेश का किरदार मिकी मेहता इस घोटाले के पीछे है, लेकिन उनकी कमजोर प्रस्तुति फिल्म को और गिरा देती है

कीर्ति कुल्हारी का किरदार पी सुभाष, जो राधे के केस की जांच करती हैं, कहानी में गहराई लाने में असफल साबित होता है

अश्विनी धर का निर्देशन कहानी को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत नहीं कर पाता, जिससे फिल्म साधारण बन जाती है

अश्विनी और रितेश शास्त्री द्वारा लिखित कहानी में मौलिकता की कमी है, और यह कई पुरानी फिल्मों की याद दिलाती है

कहानी में न रोमांच है, न सस्पेंस, और न ही कोई मजबूत भावनात्मक जुड़ाव

R Madhavan ने अपनी भूमिका को ईमानदारी से निभाने की कोशिश की है, लेकिन कमजोर पटकथा उनके प्रदर्शन को बचा नहीं पाई

नील नितिन मुकेश का किरदार खतरनाक कम और विदूषक ज़्यादा लगता है, जो फिल्म को हास्यास्पद बनाता है

'Hisaab Barabar' एक ऐसा अनुभव है, जहां दर्शक खुद से सवाल करते हैं कि उन्होंने इसे देखने का समय क्यों लगाया